उद्देश्य और विचारधारा

भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी (बीकेपी)

विचारधारा एवम् उद्देश (‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’)

भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी ने ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ विचारधारा पर चलने का एक ऐतिहासिक संकल्प किया है । ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ यह विचारधारा भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का संरक्षण संवर्धन और उन्नयन करने के उद्देश से स्वीकृत की गई है |

आजतक हमारे देश में बहुत सारी विचारधारा अलग अलग राष्ट्रीय एवं क्षेत्रिय राजनीतिक दलों द्वारा स्वीकार की गई है। किंतु उस विचारधारा पर ना चलकर, राजनीतिक दलों ने स्वार्थ या सत्ता के लोभ में उन सभी विचारधाराओं की परिभाषाएँ बदल दी है | इन में कहीं ना कहीं हम यह स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि, राजनीति का स्तर गिर चुका है | विचारधारा कोई भी हो राजनेताओं ने बाँटने की राजनीति की है। तोड़ो और राज्य करो (Divide and Rule) इस षडयंत्र को आत्मसात किया है । कुछ विचारधाराएँ जैसे की राष्ट्रवाद, साम्यवाद, पथनिरपेक्षवाद, मार्क्सवाद, हिंदुराष्ट्रवाद इनको स्वीकारने के बाद भी देश की राजनीति और भारतीय संस्कृति खतरे में दिखाई दे रही है | –

सभी विचारधाराओं पर संशोधन एवं विश्लेषण करने के पश्चात, यह समझ में आया कि, भारत देश की राजनीति में बदलाव की आवश्यकता है | और देश की राजनीति एक देश को केवल ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद‘ इस विचारधारा द्वाराही मजबूती प्राप्त हो सकती है | भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी का संकल्प है, राजनीतिक व्यवस्था परिवर्तित करके राजनीतिक क्रांति को देश में अवगत कराना है। क्रांति का जन्म तभी होता है, जब अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार ने अत्योच्च स्तर का उल्लंघन किया हो। भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी ने भी राजनीतिक क्रांति को देश में स्थापित करने हेतु जन्म लिया है |

भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी, ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ के माध्यम से भारतीय संस्कृति के सभी वर्गों को एकत्रित करके देश में जोडने की राजनीति करेगी | एकात्मता की प्रेरणा देने के लिए पार्टी ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ इस नारे का उपयोग करेगी |

किसी भी देश की संस्कृति देशरूपी जमिनी टुकड़े को पहचान प्राप्त करवाती है । ठीक वैसे ही हमारी भारतीय संस्कृति भी पुरातन संस्कृति है । कोई भी संस्कृति गलत या सही नहीं होती, उस संस्कृति के वंशजों को अपनी संस्कृति की अच्छी परंपराओं का संरक्षण तथा बुरी प्रथाओं पर संशोधन एवं सुधार कर संस्कृति का संवर्धन करना चाहिए | परिवर्तन ही संवर्धन या बदलाव एवं उन्नति का प्रमाण है । इसीलिए भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी ने परिवर्तन की प्रेरणा देने के लिए ‘हम बदलेंगे, देश बदलेगा’ इस नारे को भी स्वीकारा है |

आज की राजनीति केवल परिवारवाद तथा धन आधारित बन चुकी है | इसका यह परिणाम है कि, भारत देश के नागरिक जिनके अंदर सही मायने में योग्यता है, नेतृत्व करने की क्षमता है, देश की उन्नती के लिए स्वच्छ एवं पारदर्शी विचार है उनको अवसर प्राप्ति नहीं हो पाती है | भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी द्वारा हम ऐसे नवयुवकों को अवसर देना चाहते हैं जो पढ़े लिखे, बुद्धिमान, पारदर्शी सोच एवं नेतृत्व करने की पात्रता रखकर राष्ट्र की सही दिशा में उन्नती करे | बीकेपी द्वारा देश की छोटी-छोटी शक्तियों को मिलाकर हमारे भारत देश को विश्व के पटलपर महाशक्ति सिद्ध कराने के लिए स्वयं योगदान देनेवाले काबिल लोगों को मंच की प्राप्ति निश्चित करवाने का प्रण लिया है विचारधारा को अनुसरते हुए देश की जनता को अन्न, वस्त्र, मकान, शिक्षा-तंत्रज्ञान, स्वास्थ्य, स्वयंरोजगार, सुरक्षा को अवगत कराते हुए राष्ट्र को सर्वसंपन्न बनाना है | अगर यह मूल आवश्यकताओं को देश में अवगत कराने में सफलता मिलती है तभी देश रचनात्मकता, विज्ञान, संशोधन एवं व्यापार में वृद्धि लाकर राष्ट्र की आर्थिक, सांस्कृतिक, तंत्रज्ञान एवं मौलिक उन्नति प्राप्त हो सकती है |

भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति के माध्यम से भारत देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार है | भारत देश के सभी राज्यों में पार्टी का प्राथमिक विस्तार हो चुका है । राजनीति देश की रीड़ की हड्डी की भूमिका निभाती है | अगर राजनीति मजबूत होती है, तभी देश को आंतराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत राष्ट्र का दर्जा प्राप्त होता है भारतीय क्रांतिसंघ पार्टी की प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्षा होने के नाते, मेरा सभी साथियों से यह अनुरोध है कि, एकत्रित आकर राजनीति को सही दिशा में रणनीतियों से, एकता से, परिश्रम से एवम् विश्वास से राजनीतिक क्रांति को साध्य करेंगे और देश को विश्वमहाशक्ति का दर्जा प्राप्त कराएँगे | धन्यवाद !